आया सावन

आया सावन


सूख चुके थे जो पोखर सब
आज लबालब भरे हुए हैं
नदिया, नाले, झरने सारे
उफन उफन कर आज बहे हैं।

सावन की झड़ी आज है बरसी
बादल बरसे, धरती सरसी
दूर दूर हरियाली चमके
हर्षे मन और चेहरे दमके।

खेतों में फसलें लहलाएं
दादुर अपना गीत सुनाएं
नाच रहे हैं मोर, पपिहरा
चमकी बिजुरी, धड़का जियरा।

घर आंगन में पड़ गए झूले
पींगे ऊंची, आकाश को छू लें
गर्मी बीती आया सावन
हर दिल के मन भाया सावन।

बिरहन हर्षी मिले सजनवा
खनकी चूड़ी बजा कंगनवा
आया सावन खुशियां लेकर
मन में प्रीत की उठी हिलोरें।।

आभार – नवीन पहल – १२.०७.२०२३ 💕💕

# दैनिक प्रतियोगिता हेतु 

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5 Comments

सजीव चित्रण

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Sushi saxena

12-Jul-2023 11:20 PM

Nice 👍🏼

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Abhilasha Deshpande

12-Jul-2023 09:36 PM

nice

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